"The more you talk, the less it will happen."
जहां एक ओर हम महिला सशक्तिकरण के नाम पर राजनीति कर रहे है वही दूसरी ओर इस समाज का एक घटिया सच ये भी है कि इस देश में हर 20 मिनट में एक महिला का बलात्कार होता है और हर 3 मिनट में एक महिला सेक्सुअल हर्रास्मेंट का शिकार होती है | कब तक हम यूँ ही ऐसे गंभीर अपराधों के खिलाफ आवाज़ उठाने से शर्माते रहेंगे ?
हमारी इसी चुप्पी का हर्जाना कभी निर्भया को तो कभी गुडिया भुगतना पड़ता है, ये दरिंदगी तब तक हमारे समाज से नहीं जायेगी जब तक हमारा हलक ,हया के मारे इस के खिलाफ कोई आवाज़ निकालने से कतराता रहेगा ?
"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता ", स्कूल की दीवारों पर और किताबों में बहुत देखी है ये पंक्तियाँ ,पर आज भी इन्तजार है मुझे उस दिन का जब इन पंक्तियों को अमल में लाने की जहमत ये समाज उठाएगा |
इस विडियो को देखने के बाद अपने जमीर में झांककर एक बार ये सोच कर जरूर देखिएगा कि क्या अब भी ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर हमारी चुप्पी जायज़ है ?
कुछ करना चाहे तो जमाने के अँधेरे घेर लेते है उसे,
उसकी तरह कोई जी ले, तो जीना भूल जाए
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